प्रसिद्ध समाज सुधारक,शिक्षा शास्त्री एवं स्वतंत्रता सेनानी ईश्वरचंद्र विद्यासागर की पुण्यतिथि पर शत् शत् नमन् |
- 29
- July
- 2016
ईश्वर चन्द्र विद्यासागर (बांग्ला में, ঈশ্বর চন্দ্র বিদ্যাসাগর), के बचपन का नाम ईश्वर चन्द्र बन्दोपाध्याय था। वे बंगाल के पुनर्जागरण के स्तम्भों में से एक थे। इनका जन्म पश्चीम बंगाल में हुआ था, करमाटांड़ इनकी कर्मभूमी थी. वे उच्चकोटि के विद्वान थे। उनकी विद्वता के कारण ही उन्हें विद्दासागर की उपाधि दी गई थी।
वे नारी शिक्षा के समर्थक थे। उनके प्रयास से ही कलकत्ता में एवं अन्य स्थानों में बहुत अधिक बालिका विद्दालयों की स्थापना हुई।
उस समय हिन्दु समाज में विधवाओं की स्थिति बहुत ही सोचनीय थी। उन्होनें विधवा पुनर्विवाह के लिए लोकमत तैयार किया। उन्हीं के प्रयासों से 1856 ई. में विधवा-पुनर्विवाह कानून पारित हुआ। उन्होंने अपने इकलौते पुत्र का विवाह एक विधवा से ही किया। उन्होंने बाल विवाह का भी विरोध किया।
Share this:
- Click to share on Facebook (Opens in new window) Facebook
- Click to share on X (Opens in new window) X
- Click to share on LinkedIn (Opens in new window) LinkedIn
- Click to share on Reddit (Opens in new window) Reddit
- Click to email a link to a friend (Opens in new window) Email
- Click to print (Opens in new window) Print
Related
Post Tagged with tributes to ishwar chandra vidyasagar on his death anniversary
Recent Posts
- सुचेतना (NGO) की सदस्य सचिव अनुश्री मुखर्जी द्वारा टरपोलिन का वितरण
- ये वो भारत है जिसके जवाब पर विश्व सवाल नहीं उठा रहा है ।
- Inauguration of Digital Literacy Courses by Former President of India and Bharat Ratna Shri Pranab Mukherjee
- With Jagatguru Sankara Swami Shri Shri Vijendra Saraswati Maharaj at Kanchipuram
- प्रयाग में सदाचार और कोलकाता में भ्रष्टाचार का संगम

